यह हिंदी अनुवाद अंग्रेज़ी के मूल लेख Twin industrial catastrophes in Tennessee, US and Dhaka, Bangladesh expose global capitalism’s war on workers का है जो 20 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित हुआ था।
एक सप्ताह से भी कम समय के अंतर में दो औद्योगिक दुर्घटनाएं हुईं, एक टेनेसी के बक्सनॉर्ट में और दूसरा बांग्लादेश के ढाका में। दोनों में ही दुर्घटनाओं में 16-16 लोग मारे गए। हालांकि ये दोनों जगहें एक दूसरे से 8,200 मील दूर हैं और 10 अक्टूबर को गोला बारूद वाले प्लांट एक्युरेट एनर्जेटिक सिस्टम्स (एईएस) में विस्फोट हुआ और 14 अक्टूबर को एक गार्मेंट फ़ैक्ट्री में आग लगी, लेकिन दोनों दुर्घटनाओं का मूल कारण एक हैः मानवीय ज़िंदगियों पर कारपोरेट मुनाफ़े को प्राथमिकता देना।
दोनों ही त्रासदियों में मारे गए लोगों की पहचान के लिए प्रशासन को डीएनए टेस्ट कराने पड़े जबकि परिजन अपने लापता प्रियजनों की तस्वीरें हाथों में लिए दिखे। टेनेसी में मारे गए पीड़ितों में सबसे युवा 21 साल का एडम बोटमैन था, जबकि बांग्लादेश में 14-14 साल के दो बाल श्रमिक थे।
एईएस में प्रति घंटे 18-19 डॉलर प्रति घंटे की मज़दूरी को इस इलाक़े में बहुत अच्छा माना जाता है जहां औसत घरेलू आमदनी मुश्किल से 34,000 डॉलर पहुंच पाती है। कई पीड़ितों ने असुरक्षित काम के हालात के बारे में शिकायत की थी लेकिन कर्ज की वजह से काम नहीं छोड़ पाए। 26 साल की लाटीशा मेज़ ने अपने रिश्तेदारों को बताया था कि काम पर उसकी नाक से खून बहता था और वह हर शिफ्ट से डरती थी, लेकिन जब तक वो अपनी कार का कर्ज नहीं चुका पाती, तब तक वह नौकरी नहीं छोड़ सकती थी।
ढाका के पीड़ित गार्मेंट फ़ैक्ट्रियों और केमिकल गोदाम के बीच बसी झुग्गी में रहते थे। अनवर फ़ैशन फ़ैक्ट्री, मज़दूरों को महीने का 7,000–7,500 टका वेतन देती थी जो कि महज 57 से 61 डॉलर बनता है।
एक व्यक्ति ने डेली स्टार को बताया, “एक दिन पहले ही मेरी बहन ने कहा था कि वह इस फ़ैक्ट्री को छोड़ देगी। वहां कभी छुट्टी नहीं होती थी।“
दोनों ही देशों में प्रशासन ने वर्करों की चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया और ज़िम्मेदार कारपोरेशनों को बचाया। जैसा कि डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस विस्तार से बता चुका है कि 2013 के राना प्लाज़ा दुर्घटना के बावजूद जिसमें 1,134 वर्कर मारे गए थे, बांग्लादेश का कपड़ा क्षेत्र, एक मौत का जाल बना हुआ है। सरकारी मंत्री ज़ुबानी सहानुभूति जताते हैं, जांच को दबा दिया जाता है और देश खुद को सबसे सस्ते लेबर के स्वर्ग के तौर पर खुद को बेचना जारी रखता है। बांग्लादेशी वस्तुओं पर ट्रंप का टैरिफ़ केवल शोषण को ही और बढ़ाएगा क्योंकि जो वैश्विक ब्रांड हैं, वे क़ीमतें कम करने की मांग करते हैं।
अमेरिका में भी पैटर्न एक जैसा है। टेनेसी धमाके के कुछ ही घंटों में, रिपब्लिकन गवर्नर बिल ली एईएस के बचाव में दौड़ पड़े और सुरक्षा उल्लाघंन के उसके इतिहास पर लीपापोती करने लगे, जबकि इसमें साइक्लोनाइट (आरडीएक्स) नामक एक न्यूरोटॉक्सिक विस्फोटक के संपर्क में आना भी शामिल है। उन्होंने 2014 में इसी जगह हुए धमाके से कोई संबंध होने को ख़ारिज़ कर दिया जिसमें वर्कर बोडने एडवर्ड्स मारे गए। ली ने दावा किया कि यह दुर्घटना किसी अलग फ़र्म में हुई थी, हालांकि ठेका देने के रूप में सुरक्षा नियमों के पालन को सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी एईएस की थी। एईएस ने उस मामले में हुए मुकदमे को चुपचाप आपसी सुलह से निपटा दिया था, जिसमें पता नहीं चला कि कंपनी ने कितना पैसा दिया।
ली उस बात को भी पचा गए जिसमें एईएस ने आवाज़ उठाने वाले व्हिसिलब्लोअर्स को निकाल दिया था, जिसमें मेंटेनेंस सुपरवाइज़र ग्रेग मैकरी भी शामिल थे। 10 अक्टूबर को जिस मेल्ट-पोर बिल्डिंग में धमाका हुआ उसी में 2020 में भी एक आग लगी थी और ग्रेग मैकरी ने उसे बुझाने के लिए बगीचे में पानी देने वाले पाइप का इस्तेमाल किया। लेकिन गवर्नर की यह चुप्पी को आसानी से समझा जा सकता हैः साल 2017 से 2021 के बीच ली को उनके चुनाव प्रचार के लिए एईएस प्रेसिडेंट जॉन सोंडे और मौजूदा मालिकिन उनकी पत्नी किंबर्ली सोंडे की ओर से भारी चंदा मिला था।
साल 2008 में अमेरिकी नेवी के लिए कंधे के सहारे फ़ायर की जाने वाली मिसाइल में घटिया विस्फोटक लगाने का वर्करों को आदेश देने के लिए जॉन सोंडे को पांच महीने की जेल भी हुई थी। फिर भी टेनेसी और संघीय सरकार ने एईएस को ठेका और रियायतें देना जारी रखा। साल 2020 में ली ने 80 नौकरियां पैदा करने के लिए एईएस की तारीफ़ की और 97 लाख डॉलर की 'फ़ास्टट्रैक इकोनॉमिक डेवलपमेंट' की विस्तार योजना के हिस्से के तौर पर 6,01,000 डॉलर सौंपे दिए थे।
सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक़, 2022 में सोंडे ने अपनी पत्नी को स्वामित्व हस्तांतरित कर दिया, जिससे एईएस को 'महिला-स्वामित्व वाले छोटे व्यवसाय' का दर्जा मिल गया और वह संघीय अनुबंधों में प्राथमिकता के लायक हो गई। साल 2002 से 2024 के बीच एईएस को 100 मिलियन डॉलर से अधिक के संघीय ठेके मिले, जिसमें सेना और नेवी दोनों को गोला बारूद देने के ठेके शामिल हैं। धमाके के महज तीन हफ़्ते से भी कम समय पहले सेना ने इस कंपनी को 120 मिलियन डॉलर का टीएनटी ख़रीद का ठेका दिया, जिसमें एईएस एकमात्र नीलामी करने वाली कंपनी थी।
गवर्नर के वित्तीय सरपरस्त, बक्सनॉर्ट से कहीं आगे तक फैले हुए हैं। ली के चुनावी अभियानों को फ़ेडेक्स, अमेज़ॉन, निसान, जनरल मोटर्स, कोच इंडस्ट्रीज, टायसन फ़ूड्स, बीएनएसएफ़ और टेनेसी बैंकर्स एसोसिएशन ने चंदा दिया। बदले में, उन्होंने 2024 में प्रांत के इतिहास की सबसे बड़ी कॉरपोरेट टैक्स छूट पर हस्ताक्षर किए, जिससे टेनेसी में 60 प्रतिशत से अधिक कारपोरेशनों को उत्पाद शुल्क के रूप में कुछ भी नहीं देना पड़ेगा।
विस्फोट के बाद एईएस ने बेशर्मी से दावा किया कि उसने हमेशा 'उच्चतम सुरक्षा मानकों' को बनाए रखा है और 'इस त्रासदी को समझना मुश्किल है।' वास्तव में, कारणों को आसानी से समझा जा सकता है: मुनाफ़े और सैन्यवाद के लिए मज़दूरों को मौत के मुंह में झोंक दिया गया।
पिछले हफ़्ते ही 37 साल के पीड़ित जेरेमी मूर की विधवा और उनकी नौ साल की बेटी की ओर से एक मुक़दमा दायर किया गया और एईएस की पैरेंट कंपनी एएसी इनवेस्टमेंट्स पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया गया, जो सुरक्षा नियमों को लागू करने, ख़तरनाक पदार्थों से चेतावनी देने या पर्याप्त सुरक्षा देने और प्रशिक्षित कर्मचारियों को काम पर लगाने के मामलों में विफल रही।
टेनेसी आपदा अमेरिकी साम्राज्यवाद की हथियारों की अत्यधिक मांग से भी सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। 18 अक्टूबर को न्यूयॉर्क पोस्ट में 'टेनेसी फ़ैक्ट्री विस्फोट ने पहले से ही मांग को पूरा करने से जूझ रहे अमेरिकी हथियार उत्पादन पर असर डाला है' शीर्षक से एक लेख प्रकाशित हुआ जिसमें मृत मज़दूरों का ज़िक्र तक नहीं किया गया था, बल्कि 'सेना और नौसेना के लिए बारूदी सुरंगों और अन्य हथियारों में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों' के निर्माण में होने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया था। रक्षा विश्लेषकों ने यूक्रेन और ग़ज़ा में वॉशिंगटन के युद्धों के बीच 'हथियारों के उत्पादन में रुकावट' पर चिंता व्यक्त की। शासक वर्ग की असली चिंता मज़दूरों की जान नहीं, बल्कि लगातार हथियार उत्पादन है।
बांग्लादेश में छोटी फ़ैक्ट्रियां चलाने वाला वही पूंजीवादी तर्क, अमेरिका के सैन्य-औद्योगिक कॉम्प्लेक्स को भी चलाता है। दोनों ही सस्ते और विस्तारित श्रम बल पर निर्भर हैं, चाहे वैश्विक फ़ैशन ब्रांडों के लिए कपड़े सिलना हो या साम्राज्यवादी युद्धों के लिए विस्फोटक पैक करना हो। दुनिया भर में, मज़दूरों को उन्हीं बहुराष्ट्रीय निगमों और उनके राजनीतिक सेवकों द्वारा एक जैसे शोषण का सामना करना पड़ता है। अमेरिका में, कॉरपोरेट मीडिया और यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स (यूएडब्ल्यू) नौकरशाही द्वारा समर्थित ट्रंप का 'अमेरिका फ़र्स्ट' राष्ट्रवाद, अमेरिकी मज़दूरों को उनके विदेशी वर्गीय भाइयों और बहनों के ख़िलाफ़ खड़ा करना चाहता है। लेकिन टेनेसी और बांग्लादेश की त्रासदियां दिखाती हैं कि मज़दूरों के हालात और दुश्मन एक जैसे हैं।
सुरक्षित काम के हालात की लड़ाई को राष्ट्रवाद या भ्रष्ट, कंपनी परस्त यूनियनों के फ़्रेमवर्क में नहीं लड़ा जा सकता है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय एकता की ज़रूरत है और मज़दूर वर्ग के स्वतंत्र संगठन की ज़रूरत है।
टेनेसी विस्फोट के पीड़ितों को उन परिवारों से सहायता मिली है जिन्होंने न्यूज़ीलैंड में पाइक रिवर माइन और क्राइस्टचर्च निर्माण दुर्घटनाओं में अपने प्रियजनों को खो दिया था। यह मज़दूर वर्ग के एकजुट होकर मज़दूरों के जीवन की रक्षा करने के स्वाभाविक प्रयासों को दिखाता है।
इंटरनेशनल वर्कर्स अलायंस ऑफ़ रैंक-एंड-फ़ाइल कमेटी (आईडब्ल्यूए-आरएफ़सी) द्वारा 27 जुलाई को आयोजित जन सुनवाई ने दिखाया है कि व्यवहार में इसका क्या अर्थ है। इस सुनवाई में मिशिगन के डंडी इंजन कॉम्प्लेक्स में स्टेलेंटिस कर्मचारी रोनाल्ड एडम्स सीनियर की मौत की जाँच के नतीजे पेश किए गए। एडम्स की प्लांट के अंदर कुचलकर मौत के छह महीने बाद भी, न तो स्टेलेंटिस, न ही यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स (यूएडब्ल्यू) और न ही मिशिगन ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन (एमआईओएसएचए) ने यह साफ़ तौर पर बताया कि यह कैसे हुआ।
सुनवाई में हाज़िर मज़दूरों, उनके परिवारों और युवाओं ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें हर कार्यस्थल पर रैंक-एंड-फ़ाइल सेफ्टी कमेटियों को बनाने का आह्वान किया गया - जिन्हे ख़ुद वर्करों द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चलाया जाए और जो कॉरपोरेट परस्त यूनियन नौकरशाही से आज़ाद हों। ऐसी कमेटियों को असुरक्षित परिस्थितियों की जाँच करनी चाहिए, लीपापोती को उजागर करना चाहिए और ख़तरनाक काम से इनकार करने के मज़दूरों के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
प्रस्ताव में कहा गयाः
इसलिए, हम संयुक्त राज्य अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी मज़दूरों से आह्वान करते हैं कि वे इंटरनेशनल वर्कर्स अलायंस ऑफ़ रैंक-एंड-फ़ाइल कमेटी में शामिल हों और मुनाफ़े की बलि पर मज़दूरों के जीवन और उनके अंगों की बलि को समाप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आंदोलन की लड़ाई लड़ें। संगठित होने, प्रतिरोध करने और सुरक्षा और सम्मान के साथ जीने और काम करने के अधिकार को फिर से हासिल करने का समय आ गया है।
टेनेसी और बांग्लादेश की आपदाएँ इस माँग की तात्कालिकता की पुष्टि करती हैं। गोला-बारूद प्लांटों और ऑटो कारखानों से लेकर अस्पतालों, रेल यार्डों और स्कूलों तक, मज़दूर वर्ग को कॉरपोरेट प्रबंधन और यूनियन नौकरशाहों के हाथों से सुरक्षा का नियंत्रण छीनना होगा, जो खुद इसे लागू करने वाली संस्था मानते हैं।
हर औद्योगिक मौत पूंजीवाद के आपराधिक चरित्र की पोल खोलते हैं। अकेले अमेरिका में ही हर साल कार्यस्थल पर हुई दुर्घटनाओं में 5000 से अधिक मज़दूर मारे जाते हैं और एक लाख 20,000 से अधिक मौतें काम से जुड़ी बीमारियों की वजह से होती हैं। फिर भी कॉरपोरेट मीडिया इन मौतों को रूटीन मानती है, जबकि दोनों ही पार्टियों के नेता नियमों में ढील देते हैं और कारपोरेशनों को टैक्स में भारी छूट देते हैं। सुरक्षित हालात के लिए लड़ाई, युद्ध, तानाशाही और पूंजीवादी मुनाफ़े के सिस्टम के ख़िलाफ़ लड़ाई से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई है।
अरबपति संभ्रांतों और उनके डेमोक्रेटिक मौसेरे भाईयों द्वारा समर्थित ट्रंप, सेफ़्टी और पर्यावरणीय सुरक्षा को नष्ट कर रहे हैं जबकि दूसरे देशों में नए युद्धों के लिए रिकॉर्ड हथियार उत्पादन को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और घरेलू स्तर पर दमन को बढ़ा रहे हैं। उनके सह साज़िशकर्ता गवर्नर ली ने मेंफिस में नेशनल गॉर्ड (यानी सेना) तैनात कर दिया है।
मज़दूरों के सामने चुनौती साफ़ है। स्वतंत्र आम संगठनों को डिफ़ेंस मज़दूरों, ऑटो मज़दूरों, कपड़ा मज़दूरों, शिक्षकों और मज़दूर वर्ग के सभी तबकों के संघर्षों को शोषण और साम्राज्यवादी युद्ध के विरुद्ध एक एकजुट वैश्विक आंदोलन में जोड़ना होगा।
बक्सनॉर्ट और ढाका की त्रासदियाँ कोई छिटपुट “दुर्घटनाएँ” नहीं, बल्कि पूँजीवाद के अपराध हैं। ये एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था को उजागर करती हैं जो जीवन से ज़्यादा मुनाफ़े को तरजीह देती है और मज़दूरों को सीमाओं के पार एक-दूसरे से लड़ाती है। मज़दूर वर्ग को अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और अपनी शक्ति के सचेत संगठन के साथ जवाब देना होगा।
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