यह हिंदी अनुवाद अंग्रेजी के मूल All We Imagine as LightAs the class struggle escalated, US union membership fell once again in 2024 जो 31 जनवरी 2025 को प्रकाशित हुआ थाI
यूनियनों से संबद्ध अमेरिकी वर्करों के प्रतिशत में 2024 में 0.1 प्रतिशत की कमी आ गई है और यह अब 9.9 प्रतिशत के साथ ऐतिहासिक रूप से सबसे निम्नतम स्तर पर है। यूनियन की सदस्यता संख्या में आई कमी समग्र और अपेक्षाकृत दोनों ही रूपों में आई है। प्राइवेट सेक्टर में यूनियन सदस्यों की संख्या 1,84,000 कम हुई है जबकि सरकारी सेक्टर में 15,000 की मामूली बढ़ोत्तरी हुई है।
मैन्यूफ़ैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, परिवहन और वेयरहाउस समेत प्राइवेट सेक्टर के वर्करों के बीच यूनियन सदस्यता गिर कर 5.9 प्रतिशत हो चुकी है, यह पिछले 125 सालों में सबसे न्यूनतम प्रतिशत है। अकेले मैन्यूफ़ैक्चरिंग में यूनियन सदस्यता 1 लाख 9,000 तक कम हुई है।
कुल यूनियनीकृत दर मौजूदा समय में 9.9 प्रतिशत है, जबकि ब्यूरो ऑफ़ लेबर स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक 1983 में यह दर 20.1 प्रतिशत थी। दरअसल 1950 के दशक से ही यूनियनों से संबद्ध अमेरिकी वर्करों के प्रतिशत में कमी आती रही है, एक अनुमान के अनुसार, उस समय यूनियन सदस्यता दर अपने सबसे उच्चतम स्तर पर 33 प्रतिशत थी।
यूनियन सदस्यता मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र में बहुत अधिक केंद्रित है, ख़ासकर स्थानीय सरकारी कर्मचारी, जिनमें शिक्षक, दमकलकर्मी और पुलिस कर्मी आते हैं। यहां बताने की ज़रूरत है कि सबसे अधिक यूनियन बद्ध होने वाले वर्करों में जेल के सुरक्षा गार्ड हैं।
16 से 24 साल के युवाओं में, जोकि सबसे जुझारू और दूसरी तरफ़ मज़दूर वर्ग का सबसे शोषित तबका है, यूनियन सदस्यता की दर महज 4.3 प्रतिशत है। अमेरिका के 10 राज्यों में तो यूनियन सदस्यता दर 5 प्रतिशत से नीचे है। नॉर्थ कैरोलाइना में यूनियन सदस्यता दर सबसे कम, 2.4 प्रतिशत है। अब यह राज्य ग्रामीण पिछड़ा क्षेत्र न होकर बड़ा मैन्यूफ़ैक्चरिंग केंद्र बन चुका है जिसमें ऑटो, एयरोस्पेस और डिफ़ेंस सेक्टर शामिल हैं।
लेकिन यूनियन सदस्यता में आई कमी को वर्करों की ओर से जुझारूपन में आई कमी के रूप में नहीं देखा जा सकता। पिछले दो सालों में हड़तालों में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है, जिसमें हाल ही में बोइंग में 33,000 कर्मचारियों की हड़ताल और ईस्ट कोस्ट डॉक्स के 47,000 कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल शामिल है। मौजूदा समय में ओरेगान में प्रोविडेंस अस्पतालों के 5,000 स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर हैं और इसके अलावा पांच राज्यों में कोस्टको स्टोर्स में काम करने वाले 18,000 वर्करों के सामने हड़ताल के लिए 31 जनवरी तक की समय सीमा है।
बाइडन और फिर हैरिस के चुनाव के अपने असफल प्रचार के दौरान वर्करों को हड़ताल करने से रोकने की यूनियन नौकरशाही की लाख कोशिशों के बावजूद, 2024 में 31 बड़ी हड़तालें हुईं, जिनमें दो लाख 81,000 वर्करों ने हिस्सा लिया। इन हड़तालों प्रदर्शनों के कारण कुल 33 लाख 68,300 कार्य दिवसों का नुकसान हुआ।
साल 2023 में 33 बड़ी हड़तालें हुई थीं, जिनमें कुल 4 लाख 58,900 वर्कर शामिल हुए थे और कुल 1.67 करोड़ कार्य दिवसों का नुकसान हुआ था। 2022 में हुई हड़तालों के मुकाबले 2023 में 280 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी और इस दौरान बीते दो दशक के सर्वाधिक कार्यदिवसों का नुकसान हुआ।
तथ्य यह है कि जुझारूपन में आया उभार भी यूनियन सदस्यता में बढ़ोत्तरी नहीं ला पाया और यह अमेरिकी ट्रेड यूनियन नौकरशाही के प्रतिक्रियावादी और कारपोरेट परस्त आचरण की ही पोल खोलता है। जैसा कि वर्ल्ड सोशलिस्ट वेब साइट ने दस्तावेजीकरण किया है, जैसे जैसे हड़ताल वाले संघर्षों में इजाफ़ा हुआ, वैसे वैसे दक्षिणपंथी ट्रेड यूनियन तंत्र की ओर से इसमें सीधे तोड़फोड़ की कार्रवाइयां भी बढ़ीं और उन्होंने या तो सीधे हड़ताल को ही रोकने की कोशिश की या जहां संभव नहीं हुआ, उन्होंने धोखा दिया और जितनी जल्द हो सका हड़तालें ख़त्म करवाईं।
अमेरिकी सत्ताधारी वर्ग के लिए, जबकि वह वैश्विक युद्ध की तैयारियों में जुटा हुआ है, यूनियनों को बहुत मददगार अंग के रूप में देखा जाता है। बाइडन प्रशासन ने ट्रेड यूनियनों को 'घरेलू नेटो' कहा था और रूस और चीन के ख़िलाफ़ युद्ध को बढ़ाने में वर्ग संघर्ष को दबाने के लिए उसने उनकी खूब सेवाएं लीं।
ट्रंप के सत्ता तक पहुंचने की कोशिश की टीमस्टर्स प्रेसिडेंट सीन ओ'ब्रायन ने खुलकर समर्थन दिया था, जोकि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर अतिथि मौजूद थे, जबकि इंटरनेशनल लॉन्गशोर एसोसिएशन के अध्यक्ष हेरोल्ड डैगेट ने इस फ़ासीवादी राष्ट्रपति को मज़दूर वर्ग के एक हीरो के रूप में तारीफ़ की थी, जबकि इसी अध्यक्ष ने इससे पहले बंदरगाह वर्करों की ताज़ा हड़ताल को होने नहीं दिया था। यूएडब्ल्यू के अध्यक्ष शॉन फ़ैन ने 'घटिया' कहकर ट्रंप की निंदा की थी, बाद में उन्होंने अपने शब्द वापस ले लिया और जल्द ही उनके ओलिगार्क (कुलीन तंत्र) और नाज़ी प्रशंसकों वाली सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा ज़ाहिर की। संघीय नौकरशाही द्वारा लंबे समय से प्रचारित किया जा रहा उग्र 'फ़र्स्ट अमेरिका' राष्ट्रवाद और विदेशी-विरोधी अंधराष्ट्रवाद, बड़े पैमाने पर आप्रवासियों को निर्वासित करके मज़दूर वर्ग को बांटने के ट्रंप प्रशासन की कोशिश के साथ सहज रूप से मेल खाता है।
आप्रवासी-विरोधी आतंक के सामने ट्रेड यूनियन नौकरशाही की पूरी पराजय, अमेरिकन फ़ेडरेशन ऑफ़ टीचर्स की अध्यक्ष रैंडी वेनगार्डन द्वारा व्यक्त की गई, जिन्होंने ट्रंप को एक खीझभरी चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा, 'हम सहमत हैं कि हमारी आव्रजन प्रणाली में ख़राबी है और इसमें सुधार की सख़्त ज़रूरत है...' और 'सम्मानपूर्वक' उनसे स्कूलों को मिली सुविधा बहाल करने का आग्रह किया।
इस बीच, अपनी तनख़्वाहों और काम के हालात में सुधार की कोशिश में यूनियन में शामिल होने की चाह रखने वाले वर्करों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोत्तरी भी हुई है। नेशनल लेबर बोर्ड का आंकड़ा दिखाता है कि 2023 से 2024 के वित्तीय वर्ष के दौरान यूनियन रजिस्ट्रेशन के आंकड़े में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एनएलआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के मुकाबले नए यूनियन चुनाव के लिए आने वाले आवेदनों में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है।
नियोक्ताओं के ख़िलाफ़ सामूहिक संघर्ष छेड़ने की इस बुनियादी इच्छा के हर मोड़ पर इस कड़वे तथ्य से सामना करना पड़ता है कि यूनियन तंत्र सिर्फ सदस्यता शुल्क इकट्ठा करने में दिलचस्पी रखता है, न कि वर्करों की ज़िंदगी को बेहतर बनाने का कोई संघर्ष छेड़ने में और निश्चित तौर पर वह ऐसी किसी तरह की कार्रवाई संगठित नहीं करता है जिससे कारपोरेट मुनाफ़े पर असर पड़े।
न्यूयॉर्क के स्टेटेन आइलैंड में स्थित जेएफ़के8 वेयरहाउस में मौजूद अमेजॉन लेबर यूनियन का ही मामला लें। एक स्वतंत्र यूनियन होने के दावे पर यूनियन चुनाव जीतने के बाद, एएलयू जल्द ही बाइडन प्रशासन और बड़े उद्योग परस्त डेमोक्रेटिक पार्टी और टीमस्टर्स की तारीफ़ में लग गया। हालांकि साल के अंत में डिलीवरी ड्राईवरों ने एक तगड़ी हड़ताल में शिरकत की, जोकि स्टारबक्स वर्करों के संघर्ष के साथ साथ हुआ, जबकि टीमस्टर्स नौकरशाही ने इस हड़ताल की कार्रवाई को जेएफ़के9 समेत बाकी वेयरहाउसों तक पहुंचने ही नहीं दिया।
यूनाइटेड ऑटो वर्कर्स की नौकरशाही द्वारा बहुप्रचारित यूनियनीकरण अभियान, मैनेजमेंट के पहले ही गंभीर विरोध के कारण विफल हो गया। मई 2024 में अलाबामा के वांस में मर्सीडीज़ बेंज़ प्लांट के वर्करों ने यूएडब्ल्यू के प्रतिनिधित्व के ख़िलाफ़ 56 प्रतिशत मतदान किया। इस विफलता ने यूनियन अभियान की ऊपर से निचले स्तर तक के प्रयासों की पोल खोल कर रख दी, जबकि रैंक एंड फ़ाइल का कोई गंभीर हस्तक्षेप भी नहीं था।
वेतन और कार्यस्थल पर काम के हालात में सुधार की कोई गंभीर मांग उठाना तो दूर, यूएडब्ल्यू ने मैनेजमेंट में अपने 'पार्टनरों' को अलग थलग न पड़ने देने के लिए अपनी मांगों को और नरम कर दिया। जब मर्सीडीज़ ने यूनियनीकरण के ख़िलाफ़ दबाव बढ़ा दिया तो यूएडब्ल्यू का पूरा प्रयास शर्मनाक तरीके से विफल हो गया।
डेट्रॉयट थ्री ऑटोमेकर्स में वर्करों पर बेचखाने वाले कांट्रैक्ट थोपने के यूएवी के रिकॉर्ड को देखते हुए, इससे कोई हैरानी नहीं होती है कि यूएडब्ल्यू के ख़िलाफ़ वर्करों ने मतदान किया। “यूनियन सुधार“ के दावों के बावजूद, यूएडब्ल्यू के अध्यक्ष फ़ैन और यूनियन की बाकी नौकरशाही ने मज़दूरों के प्रतिरोध को कम करने के लिए एक फ़र्ज़ी ”स्टैंड अप” हड़ताल का सहारा लेते हुए 2023 के कांट्रैक्ट संघर्ष को बेच खाया। जो अंतिम कांट्रैक्ट सामने आया वह महंगाई वृद्धि दर से भी कम था और इसमें पदानुक्रम के साथ साथ टेंपरेरी वर्करों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की नीति को बरक़रार रखा गया। इस कांट्रैक्ट को लाने के बाद, ऑटो कंपनियों ने टेंपरेरी वर्करों की बड़े पैमाने पर छंटनी कर दी, जिन्हें यूएडब्ल्यू ने परमानेंट वर्कर बनाने का झूठा वादा किया था और हज़ारों वर्करों की नौकरियां चली गईं।
टेनेसी के छट्टानूगा में स्थित वॉक्सवैगन प्लांट में जहां यूएडब्ल्यू ने यूनियन प्रतिनिधित्व का चुनाव जीता था, वहां उसे मैनेजमेंट का मौन समर्थन प्राप्त था। 19 सितम्बर को पहले कांट्रैक्ट के लिए शुरू हुई वार्ता से ही, यूएडब्ल्यू किसी समझौते पर नहीं पहुंची है और हड़ताल की कोई तारीख़ भी तय नहीं की गई है। कुछ जानकारियां जारी की गई हैं। लेकिन रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि यूएडब्ल्यू अगले चार साल में महज 14 प्रतिशत वेतन वृद्धि और मुनाफ़े में हिस्सेदारी की मांग कर रही है। अगर यह समझौता होता है तो वॉक्सवैगन के वर्कर जीवन यापन की बढ़ती लागत में काफ़ी पीछे छूट जाएंगे और यहां तक कि डेट्रॉयट में यूएडब्ल्यू के अपने साथी वर्करों से भी पीछे।
आधिकारिक ट्रेड यूनियन का ढहना, एक वैश्विक परिघटना है, जो संकेत देती है कि यह केवल अमेरिका की विशेष परिस्थितियों का ही प्रतिबिंब नहीं है, बल्कि वैश्विक पूंजीवाद के ढांचे की जड़ में मौजूद व्यापक प्रवृत्ति है। हर कहीं, उत्पादन के वैश्वीकरण के प्रति ट्रेड यूनियन नौकरशाहियों की प्रतिक्रिया, कारपोरेट परस्त संबंध स्थापित करने की रही है, जहां कारपोरेट मैनेजमेंट और राज्य के ढांचे से यूनियनों की गहरे तौर पर मिलिभगत होती है।
दूसरी तरफ़, अंतरराष्ट्रीय मज़दूर वर्ग की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई है और वैश्विक उत्पादन की एक अकेली प्रक्रिया में एक दूसरे से उस स्तर तक जुड़े हुए हैं, जैसा इससे पहले इतिहास में कभी नहीं देखा गया। बहुराष्ट्रीय निगमों और पूंजीवादी सरकारों के ख़िलाफ़ औद्योगिक जवाबी हमले का विकास केवल मज़दूर वर्ग संघर्ष के ऐसे नए संगठनों की स्थापना के माध्यम से ही संभव है, जो स्वयं मज़दूरों द्वारा नियंत्रित हों।
अप्रैल 2021 में चौथे इंटरनेशनल की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीएफ़आई) द्वारा इंटरनेशनल वर्कर्स अलायंस ऑफ रैंक-एंड-फाइल कमेटियों (आईडब्ल्यूए-आरएफ़सी) की स्थापना राष्ट्रीय और औद्योगिक सीमाओं के पार मज़दूर वर्ग को एकजुट करने की लड़ाई में एक निर्णायक क़दम था।
जैसा कि डब्ल्यूएसडब्ल्यूएस के संपादकीय बोर्ड ने इस साल की शुरुआत में लिखा था, 'केवल इस हद तक कि सत्ता नौकरशाही के हाथों से छीन ली जाए और कार्यस्थल पर काम करने वाले वर्करों को हस्तांतरित कर दी जाए, यूनियनों को वर्ग संघर्ष के उपकरण के रूप में फिर से जीवित किया जा सकता है।'
रैंक-एंड-फ़ाइल कमेटियों को विकसित करने की लड़ाई केवल उन कार्यस्थलों तक सीमित नहीं होगी जहां वर्तमान में ट्रेड यूनियनें मौजूद हैं। इसके बजाय, वे उन अधिकांश कार्यस्थलों पर व्यावहारिक संगठन के एकमात्र स्वरूप के तौर पर उभरेंगी जहां यूनियनें नहीं हैं।
जैसा कि बयान में आगे कहा गया:
आईडब्ल्यूए-आरएफ़सी को वर्करों के लिए सूचना साझा करने, सामूहिक कार्रवाई की योजना बनाने और शोषण, खर्च कटौती और जंग के ख़िलाफ़ एकजुट आक्रामक अभियान चलाने के ढांचे के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इसे शासक वर्ग द्वारा मज़दूरों को एक-दूसरे के ख़िलाफ़ बांटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी प्रकार के अंधराष्ट्रवाद और अप्रवासी विरोधी आंदोलन का विरोध करना चाहिए। इसे ट्रंप प्रशासन और दुनिया भर में दूर-दराज़ सरकारों के सामूहिक निर्वासन अभियानों के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग के विरोध को संगठित करना चाहिए।